मोहब्बत भि तेरी थी ,वो नफरत भि तेरी थी
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भि तेरी थी,
मैं अपनी वफ़ा का इन्शाफ़ किस से मांगती,
वो शहर भि तेरा था वो अदालत भि तेरी थी !!
©ललित साह
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भि तेरी थी,
मैं अपनी वफ़ा का इन्शाफ़ किस से मांगती,
वो शहर भि तेरा था वो अदालत भि तेरी थी !!
©ललित साह