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मैं अपनी वफ़ा का इन्शाफ़ किस से मांगती

मोहब्बत भि तेरी थी ,वो नफरत भि तेरी थी 
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भि तेरी थी, 
मैं अपनी वफ़ा का इन्शाफ़ किस से मांगती,
वो शहर भि तेरा  था वो अदालत भि तेरी थी !!


©ललित साह 

तुम्हें मेरी मोहब्बत की कसम

तुम्हें मेरी मोहब्बत की कसम सच सच बताना,
गले में बाहें ड़ाल कर मनाना किस से सीखा है ......?


© ललित साह

बेबफा मोहब्बत

हँसते हैं यूँ हंस कर रुला जाते है लोग
मिलते हैं यूहीं मिल कर जुदा हो जाते है लोग,


पल दो पल की मोहब्बत को, उम्र का साथ समझना
मोहब्बत भी करते है और खफा भी हो जाते है लोग,


नसीब में प्यार ना था जो मुझे मिला ही नहीं
कर के इजहार ये मोहब्बत भी बेपरवाह हो जाते हैं लोग,


अब किस से सिकवा करें अपनी मोहब्बत का 
कर के वफ़ा का वादा बेवफा हो जाते है लोग !!!


©ललित  साह 

मेरी मोहब्बत आबाद हो गयी

आज मेरे इन्तजार की जीत हो गयी 
मेरी मोहब्बत की चर्चा खुले आम हो गयी 
कभी हम को धोखा दिया था तुमने इश्क में 
कैसे तुम मेरे ज़नाजे में शामिल हो गयी 
जब पूछा लोगो ने की,मेरा तुमसे रिश्ता क्या था
आँखे नम कर हमको अपना प्यार तुम कह गयी 
जाने कैसे यह बिन बादल बरसात हो गयी
मुड़ के भी देखो यारों मेरी मोहब्बत आबाद हो गयी !!!



 ©ललित  साह 

किसी को एक पग में सहारा मिल जाता है


किसी को एक पग में सहारा मिल जाता है,

ठहर जा ओ गम के बादल

दोस्ती का वो एक पल हम कैसे भुला देते

इश्क का एस्तेहार

कम्बखत प्यार कैसा है जो अपने प्यार से घबड़ाता है 

आज सुबह ना जाने कौन सी सौगात लेकर आई थी .. 

सूरज की किरणों ने फिर अपना उजाला फैलाया है .......

कोई इस जहां में नहीं समझ पाया गम में दुबे रोशन को ..

ये वक़्त का दरिया तो समुन्दर से भी गहरा होता है ...

वक़्त ने मुझे आज ये क्या खूब गुल खिलाया है .....

कोई वादा तो नहीं तुझसे...

कोई वादा तो नहीं तुझसे, 
पर तू आज भी अपना सा है,
क्यों तेरी जुदाई का,
मेरे ग़म से कोई रिश्ता सा है ।

हर शह ज़माने में बदलती है, 
हर नज़र बहकती है,
एक पल का था दीदार, 
और आँखों में तेरा चेहरा सा है ।

महफिलों में गम है तू, 
और अपनों में मसरूर है,
क्या बात है की खामोश है,
क्यों तू तन्हा सा है ।

कभी मरासिम थे हमसे तुम्हारे, 
आज ताल्लुक भी नहीं,
दिल से धड़कन कैसे ये कहे,
की तू मुझसे जुदा सा है ।

सारी खुदाई थी एक तरफ, 
और खुदा तुझको माना था मैंने,
खता की ये की न समझा मैंने, 
तू भी एक इन्सां सा है ।

आज चांदनी खामोश है, 
और चाँद भी कुछ गुमसुम है,
देख ले कायनात में, 
किस कदर मुक़म्मल मेरा ज़ज्बा सा है ।


©ललित साह

सपने देखना हमारी प्रकृति है

सपने देखना हमारी प्रकृति है ,
हम सभी सपने देखते है, 
सोते हुए और जागते हुए भी,
ये सपने ही हमारी जीवन की 
सच्चाई है,हम कुछ करने
कुछ बनने का सपना देखते है, 
और उस सपने को हकीक़त में
बदलने के लिये अपना सारा 
जीवन लगा देते हैं. ये वे सपने
हैं जो हम खुली आँखों से देखते 
हैं. बंद आँखों के सपनों पर
हमारा ज़ोर नहीं चलता. हम 
बस उन्हें देखते हैं. मंच पर चल
रहें नाटक की तरह जिसके
मुख्य पात्र भी हम खुद हैं. ये 
सपने अक्सर हमें परेशान करते 
हैं, कि हमने ये देखा तो क्यूँ 
देखा...? क्या, मतलब क्या है इस
सपने का.....?

वो भी क्या दिन थे .....


वो भी क्या दिन थे .....
ममी की गोद और पापा के कंधे,


ना पढाई की सोच, ना लाइफ के फंडे
ना काल की चिंता, ना फ्यूचर के सपने,


अब तो काल ही है फिकर, और अधूरे है सपने
मुर कर देखा तो बहुत दूर है अपने,


मंजिलों को ढूंढते हम कहा खो गए 
क्या हम इतना जल्दी बड़े हो गये........ 


© ललित साह


मैथिली गायिका रजनी पल्लवी


गायिका रजनी पल्लवीक जन्म मिथिलाक केंद्र बिंदु मधुबनी जिलान्तर्गत पिलखवार गांव मे भेल छलनि सम्प्रति बंगलौर मे रहैत छथि  संगीत मे विशेष रूचि रहबाक कारण बाल्यकालहि सं हिनका संगीतक शिक्षादेब प्रारम्भ भेल छलनि  हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत मे मास्टर डिग्री लेलाक उपरान्त रजनी पल्लवी कतेकोपरियोजना पर काज करब प्रारम्भ केलनि जाहि मे मैथिली संगीतक पुनरुद्धार मुख्य छैक । रजनी पल्लवी क गीत डाउनलोड करे क लेल क्लिक करू - http://maithilisongsgeet.blogspot.com/
 
मातृभाषा मैथिली सं एतेक सिनेह छनि जे मातृभाषा मैथिलीक दुर्दशा रजनी पल्लवी क’लेल असहनीय छनि । मैथिली अत्यन्त मधुर भाषा छैक से कोनो मिथ्या नहि, सैह सावित करब हुनक परम ध्येय छनि । मैथिली विश्व भाषा बनय से हुनक कहब नहि छनि, मुदा मैथिली यदि मिथिला मे छैक आ मैथिली जों मिथिलाक मातृभाषा छैक त’ मैथिली क’ मिथिला मे माय जकाँ प्यार आओर इज्जत भेटैक । एहि परियोजनाक अंतर्गत ओ मैथिलीक लोक प्रिय गीत सभ क’ नव ढंग सं लयबद्ध क’ रिकार्ड करैत छथि आ ओहि संगीत सभ क’ YouTube पर दुनियाक सम्मुख एहि आशा सं प्रस्तुत करैत छथि जे मैथिली भाषी क’ अपना भाषाक प्रति प्यार आओर इज्जत प्रस्फुटित होनि । कोनों अमैथिलक समक्ष मैथिली बाज’ आ मैथिली गीत सुनबा मे मिथिलाबासी क’ लाजक अनुभूति नहि होनि । YouTube Linkhttp://www.youtube.com/rajnipallavi
अपन दोसर परियोजनाक अंतर्गत ओ महाकवि विद्यापतिक सुनल-बिना सुनल गीत सभ क’ लयबद्ध क’ रिकार्ड क’ आओर ओहि गीत सभक भवार्थक संग इंटरनेट पर उपलब्ध करबैत छथि जाहि सं महाकविक रचना संरक्षितो रहनि आ जनसुलभ सेहो रहनि । Linkhttp://www.facebook.com/mahakavi.vidyapati

रजनी पल्लवी मैथिली संगीतक आधुनिकीकरणक पक्षधर छथि, जाहि सं नव पीढ़ी मैथिली गीत सं अपना क’ जोरि सकय । एहि सन्दर्भ में ओ कतेको गीतकारक साथ मिलकय किछु नव तरहक मैथिली गीतक रचना आओर आधुनिक वाद्य यन्त्र सभक प्रयोग क’ किछु नव संगीतक सृजन पर कार्यरत छथि । एहने तरहक किछु गीत ओ YouTube पर publish केलनि अछि आ श्रोता लोकनि द्वारा एहि तरहक गीतक प्रसंशो कयल गेलनि ।एह ठिमा बटम दबाऊ !
मैथिली गीतक अलाबा, रजनी पल्लवी गजल आओर सेमी-क्लासिकल संगीत मे रूचि रखैत छथि । हुनकर बहुतो गजल इंटरनेट पर उपलब्ध अछि । अपन एहि परियोजनाक तहत ओ ग़ालिबक ओहन गजल जे एखन तक नहि गायल गेलैक अछि, गाबि इनटरनेट पर दय रहल छथि । ई सभ परियोजना आर्थिक लाभ लेल नहि, मात्र आत्म सन्तुष्टिक लेल छैक । अर्थोपार्जनक लेल बंगलौर स्थित अपन संगीतशाला मे बच्चा सभ क’ संगीतक शिक्षा दैत छथि ।
रजनी पल्लवी अपन प्रसंशक सभ सं यैह अपील करैत छथि जे अपन प्राचीन धरोहर क’ अक्षुण रखबाक लेल ओ अपन योगदान देथि । नीक कला आ कलाकार क’ प्रोत्साहित करथि । नीक संगीत, रचना आ मिथिला पेंटिंग क’ प्रसंशा करथि आ सभ तरहक Social Media क’ प्रयोग क’ ओकरा प्रसारित करथि साथे फूहर गीत आ अशुद्ध भाषाक प्रयोग क’ तीब्र आलोचना करथि । जय मैथिली, जय मिथिला .
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मैथिली भाषा के गायिका अंशु माला झा


                       

अंशु माला झा  बहुचर्चित बहुमुखी प्रतिभाशाली गायिकाक नाम थिक । मूलतमधुबनी जिला अन्तर्गक कलुआहीक ढंगा पश्चिम ग्रामक रहनिहार अंशु माला एक किसान परिवार सं संबंध रखैत छथि। अपन गाम सं बचपने सं  जुड़ल अंशुमालाक प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा पटना में भेलनि आ पटना के ही अपन कर्मभूमि बनौलनि । पटना सं ग्रेजुएशन केला के बाद आगुक पढाई लिखाई के लेल ई दिल्ली चलि एली । दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरान्डा हाउस कॉलेज सं एम ए, एम फ़िल केला के बाद ऎखन अंशुमाला अहि ठाम सं हिन्दुस्तानी क्लासिकल आ विद्यापति संगीत में पीएचडी कय रहल छथिन।

अंशु माला के बचपने सं संगीतक प्रति विशेष रुझान आ लगाव रहनि । परिणामतई कक्षा प्रथम सं ही अपन स्कूल तरफ़ सं रंगमंच पर अपन मधुर गायनक प्रदर्शन कर लगली। हिनकर आकर्षक आ सुन्दर प्रदर्शन के देखैत अंशु माला के बिहारक तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद केर हाथ सं पहिल पुरस्कार भेटल छल। पुरस्कार प्राप्त कय अंशु माला आरो प्रोत्साहित भय गेली। अपन माता पिता के से हो संगीत सं विशेष लगावअक कारण हिनका हुनका सब सं बहुते सहयोग भेटलनि। मैथिली लोक संगीत आ संगीतक क्षेत्र में हिनकर पहिल “गुरु” अंशु मालाक मां श्रीमती शशि किरण झा छथिन । हुनका बाद अंशु माला श्री हॄदय नारायण झा सं से हो लोकगीतक शिक्षा प्राप्त केने छथि।

अंशु मालाक सोगीत जीवन में स्कूलक संगीत शिक्षिका श्रीमती उषा चौधरीक प्रेरणा बड पैघ आ महत्वपूर्ण भूमिका छनि । श्रीमती उषा चौधरी द्वारा प्रेरित केला पर ही अंशु माला अपन क्लासिकल संगीतक शिक्षा के आगा बढौने रहथि । बाद में अंशु माला कतेको संगीत गुरु सं शिक्षा ग्रहण केलि जाहि में पंडित देवानन्द ठाकुर, श्री गौतम बनर्जी, प्रो डॉ नीरा चौधरी किछु विशेष नाम अहि। दिल्ली अयला पर अंशु माला पंडित राजन साजन मिश्रा सं से हो संगीतक गूढ तत्व सिखली।

अशु माला अपन आदर्श अश्विनी भिड़े देशपाण्डे के मानैत छथि जिनका सं बहुत किछु सीखलनि। मैथिली लोक संगीत में प्रशिक्षण के लेल संस्कृति मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा हिनका चात्रवृति प्रादान कयल गेल अछि। प्रयाग संगीत समिति , इलाहाबाद सं 2001 में “प्रभाकर” डिग्री लेलनि। भारत के लगभग 24 राज्य में अंशु माला जी द्वारा अनेको बेर संगीतक प्रस्तुतीकरण कयल गेल अछि आएखन धरि आकाशवाणी (ऑल इन्डिया रेडियो ) में गजल आ लोक संगीतक नियमित कलाकारक रुप में जुड़ल छथि। विद्यापति पर्व समारोह में अनेको ठाम अपन गायनक सुन्दरतम प्रस्तुतीकरण केने छथि आ कय रहल छथि। अखिल भारतीय 9 वां राष्ट्रीय युवा पर्व/समारोह में बिहार सं क्लासिकल गीत में प्रथम पुरस्कार भेटल छलैन। अहि में अंशु माला बिहार राज्य के प्रतिनिधित्व केने रहथि। आकाशवाणी में कतेको फ़ीचर में बिहारक प्रतिनिधि रहथि। लद्दाख में आयोजित “सिंधु दर्शन” में से हो बिहार संस्कृतिक प्रतिनिधित्व केने छथि । डीडी भारती, डीडी नेशनल, महुआ टीवी, ईटीवी, सहारा समय, न्यूज 24 में अपन गायन कय चुकल छथि। दिल्ली विश्वविद्यालय में 2005-2006 में इन्टर कॉलेज प्रतियोगिता में क्लासिकल गायन लेल श्रीमती प्रधानमंत्री गुरुशरण कौर आर दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो दीपक पेंटल के हाथ सं प्रथम पुरस्कार प्राप्त केनाय अंशु मालाक बड़ पैघ उपलब्धि अछि ।

दर्द लम्हों को हद से गुज़र जाने दे


दर्द लम्हों को, हद से गुज़र जाने दे,
मेरी यादों को टूट के, बिखर जाने दे .

ये कब तक सोचुं , की तू है प्यार मेरा,
यूं कब तक करूं , मैं इंतज़ार तेरा,
मुझको तकती है, कब से रहगुज़र जाने दे,
मेरी यादों को टूट के, बिखर जाने दे .

वो शोख गुंचा, यादों का गिरता नहीं,
जुस्तजू जीस्त की, पर कुछ मिलता नहीं,
ज़िंदगी को कभी, सफर दर सफर जाने दे,
मेरी यादों को टूट के , बिखर जाने दे .

वो बेवफ़ा नही, मैं बेवफ़ा ही सही,
अब और मुझसे मगर, सहा जाता नहीं,
मुझको कहेंगे लोग, बेशरम जाने दे,
मेरी यादों को टूट के, बिखर जाने दे .

मेरे दिल की उलझनों को, ऐ माज़ी बता,
किस तरह खोया उसको, वो कहानी बता,
उनके हों लाख तंज़ मुझपे, मगर जाने दे,
मेरी यादों को टूट के बिखर जाने दे .

दर्द लम्हों को हद से गुज़र जाने दे !!!

मोबाइल और इंटरनेट से नींद उड़ जाती है !!

कुछ लोगों को मोबाइल और इंटरनेट की ऐसी लत होती है कि रात को सोने से पहले वे अपने सारे मैसेज और ई-मेल्स चेक करके उनके जवाब देते हैं, फोन पर बातें या नेट पर चैटिंग और फोटो अपलोड करने जैसे सारे काम रात को सोने से पहले ही करते हैं। इससे वे बहुत ज्यादा उत्साहित हो जाते हैं और उनका मस्तिष्क इतनी तेज गति से काम करने लगता है कि उनकी नींद उड जाती है।

तू मुझसे तेज चलेगा तो रास्ता दूंगा


!! तू मुझसे तेज चलेगा तो रास्ता दूंगा 
दुआ के फूल तेरी राह में बिछा दूंगा,


अभी तो ज़िन्दगी घायल है तुझसे मिलने में
मैं आज रात ये दीवार भी गिरा दूंगा,


अगर किसी ने मुझे एक रात रोक लिया
तो उसका नाम पता भी तुझे बता दूंगा, 


वो अनजानी है मगर, आज उसकी खातिर मैं 
पढ़े बगैर अजीजों के खाट जला दूंगा,


वो चाँद जब मेरी पलकों पे फूल रखेगा 
मैं अपने बच्चे को एक आसमा नया दूंगा !!!

©ललित साह

विद्युत् लगानीका समस्या हटाउन सरकार तयार


                                   बाबुराम खड्का
काठमाडौं, २३ पुस
मुलुकमा ऊर्जा संकट बढ्दै गएका बेला प्रधानमन्त्री बाबुराम भट्टराईले जुनसुकै उपाय अवलम्बन गरेर भए पनि लोडसेसिडङ कम गर्न ऊर्जा मन्त्रालयलगायत उच्च सरकारी अधिकारीलाई निर्देशन दिएका छन् ।
लोडसेडिङ समस्या समाधानका लागि आफ्नो अध्यक्षतामा शनिबार बसेको ऊर्जा, अर्थ, वन तथा भूसंरक्षण मन्त्रालयका मन्त्री तथा उच्च सरकारी अधिकारीसम्मिलित बैठकमा प्रधानमन्त्रीले यस्तो निर्देशन दिएका हुन् ।
लोडसेडिङ घटाउन तत्काल ठोस काम गर्नुपर्ने बताउँदै प्रधानमन्त्रीले भने, “नेपाल–भारत कुन नाकाबाट कति मेगावाट बिजुली आयात गर्न सकिन्छ, त्यसलाई ल्याउन पहल गर्नुस् ।”
नेपाल–भारत संयुक्त प्राविधिक समितिले मंसिरको पहिलो साता विभिन्न प्रसारण–लाइनबाट थप १ सय मेगावाट बिजुली ल्याउन सकिने प्रतिवेदन दिएको छ । हाल भएको प्रसारण–लाइनबाट बिजुली ल्याउन थप तीन महिना लाग्ने जानकारी भारतीय पक्षले दिएको छ ।
लोडसेडिङ अझै बढ्ने अवस्था आएपछि प्रधानमन्त्रीले विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानसँग रहेका डिजेल जेनेरेटरबाट बढी भएको बिजुली किन्ने प्रक्रिया अघि बढाउन पनि ऊर्जालाई निर्देशन दिएका छन् । ऊर्जाले यसका लागि निजी क्षेत्रसँग आह्वान गरिसकेको छ ।
विद्युत् प्राधिकरणका अनुसार देशभरि झन्डै २ सय मेगावाट विद्युत् उत्पादन गर्ने क्षमताका डिजेल जेनेरटर छन् । प्राधिकरणले कुनै उपाय अवलम्बन नगरे आगामी फागुन–चैतमा दैनिक १९ घण्टासम्म लोडसेडिङ हुने सार्वजनिक गरिसकेको छ ।
बैठकमा प्रधानमन्त्रीले तत्काल निमार्णमा जाने अवस्थामा रहेको ७ सय ५० मेगावाटको पश्चिमेसती जलाशययुक्त आयोजना अघि बढाउन निर्देशन दिएको एक सहभागीले जानकारी दिए । “आयोजना निर्माणमा लैजान वित्तीय व्यवस्थापन वा अन्य के उपाय हुनसक्छ, तत्काल सुरु गर्नुस्,” प्रधानमन्त्रीलाई उद्धृत गर्दै उनले भने ।
प्रधानमन्त्रीले जलविद्युत् विकासमा देखिएका प्रक्रियागत समस्यालाई तत्काल फुकाइदिने बताएका छन् । प्रक्रियागत समस्याले गर्दा आयोजनाको निर्णयमा ढिलाइ गर्न नहुने भन्दै भट्टराईले भने, “जलविद्युत् विकासमा प्रक्रियागत समस्याले काम गर्न अप्ठ्यारो भएको हो भने मकहाँ आउनुस्, तत्काल समाधान गरिदिन्छु ।”
वन र वातावरणका कारणले आयोजना विकासमा अवरोध आउन नहुनेमा जोड दिँदै उनले यो समस्या समाधान गर्न तत्काल अन्तरमन्त्रालय संयन्त्र गठन गर्न पनि निर्देशन दिए ।
विद्युत् खरिद–बिक्री मूल्य राम्रो नपाएको र बैंकको बढ्दो ब्याजले गर्दा समस्यामा परेका आयोजना तत्काल सुरु गर्ने वातावरण बनाउन प्रधानमन्त्रीले ऊर्जामन्त्रीलाई निर्देशन दिएका थिए । मन्त्रालयमा गठित २८ विद्युत् आयोजना समस्या समाधान समितिलाई तत्काल प्रतिवेदन बनाउन पनि निर्देशन दिएको ती सहभागीले बताए ।
बैठकमा ऊर्जाका उच्च अधिकारीहरूले ऊर्जा समस्या समाधान र उपायबारे प्रधानमन्त्रीलाई जानकारी गराएका थिए ।
‘जीएमआर र सतलजसँग चाँडै पीडीए गर’
प्रधानमन्त्री भट्टराईले माथिल्लो कर्णाली र अरुण तेस्रोको प्रवद्र्धक जीएमआर इनर्जी लिमिटेड र सतलज जलविद्युत्् निगम लिमिटेडसँग तत्काल आयोजना विकास सम्झौता (पीडीए) गर्न निर्देशन दिएका छन् ।
भारतीय लगानीमा निर्माण हुन लागेका दुई ठूला आयोजना माथिल्लो कर्णाली र अरुण तेस्रोका प्रवद्र्धकहरूसँग पीडीए नहुँदा अन्तर्राष्ट्रिय जगतमा नकारात्मक सन्देश गएको भन्दै प्रधानमन्त्रीले यस्तो निर्देशन दिएका हुन् ।
पीडीए नहुँदा यी आयोजना सुरु हुन सकेका छैनन् । जीएमआरले छिटो प्रक्रिया नबढाए नेपाल छाड्ने अनौपचारिक जानकारी दिइसकेको छ ।
प्रधानमन्त्रीले एक महिनाभित्रै पीडीए दिन निर्देशन दिएको एक सहभागीले जानकारी दिए । मन्त्रालयले मोडल पीडीएको मस्यौदा तयार गरी अध्ययन गरिरहेकाले एक महिनाभित्र जीएमआर र सतलजसँग वार्ता सुुरु गरिने ऊर्जासचिव बालानन्द पौडेलले बताए ।
मन्त्रालयले पीडीएका लागि सहसचिव राजेन्द्रकिशोर क्षेत्रीको संयोजकत्वमा वार्ता टोली गठन गरिसकेको छ । जीएमआरसँग मन्त्रालयले डेढ वर्षअघि तीन पटक पीडीएका लागि वार्ता सुरु गरे पनि निष्कर्षमा पुग्न नसकेपछि वार्ता अवरुद्ध भएको थियो ।
दुई साताअघि जीएमआरका उच्च अधिकारीले सचिव पौडेललाई भेटी तत्काल पीडीए सुरु नहुने हो भने माथिल्लो कर्णालीमा लगानी नगर्ने जानकारी गराएको थियो ।
पीडीए विदेशी लगानीमा बन्ने आयोजनाहरूका प्रवद्र्धक र सरकारबीच हुने लगानीसम्बन्धी सम्झौता हो । आयोजना बनेपछि प्रवद्र्धकबाट राज्यले लिने लाभ, दिने सेवा–सुविधाका साथै सुरक्षा, लगानीमैत्री वातावरणको सुनिश्चितता, सम्झौताको मितिलाई आधार मानेर प्रवद्र्धकहरूले पाउने करमा सहुलियत, निःशुल्क बिजुली लिने–दिने जस्ता विषयमा सरकार–प्रवद्र्धकबीच सम्झौता भएपछि मात्र बैंकहरूले आयोजनामा लगानी गर्छन् । पीडीए भइसकेपछि ऐन, नियम, करका दरमा परिवर्तन भए पनि आयोजनालाई पुरानै सेवा–सुविधा लागू हुन्छ । आयोजनालाई सरकारले राष्ट्रियकरण गर्न पाउँदैन ।
सरकारले खिम्ती, भोटेकोसी, पश्चिमसेती र काबेली आयोजनाका प्रवद्र्धकसँग पीडीए गरिसकेको छ । यद्यपि, विद्युत् ऐन र विद्युत् नीतिमा पीडीएको व्यवस्था छैन ।
विदेशी लगानीमा निर्माण हुने करिब ४ हजार मेगावाट क्षमताका आठ ठूला आयोजनाका प्रवद्र्धकले पीडीएका लागि ऊर्जामा निवेदन दिएका छन् । निवेदन दिएको डेढ वर्ष बितिसकेको छ । बेलायतका कानुन व्यवसायी हाबर्ड स्मिथले मोडल पीडीए बनाएर मन्त्रालयलाई पठाइसकेका छन् ।
डिमान्ड शुल्कमा विवाद
विद्युत् महशुल २१ देखि २२ प्रतिशतले बढ्ने
विद्युत् महशुल निर्धारण आयोगले महशुल वृद्धिसँगै डिमान्ड शुल्क बढाउने प्रस्ताव ल्याएपछि विवाद भएको छ । शुक्रबार बसेको बैठकमा नेपाल उद्योग वाणिज्य महासंघका तर्फबाट प्रतिनिधत्व गर्ने आयोगका सदस्य पशुपति मुरारकाले असहमति जनाएपछि विवाद सुरु भएको हो ।
स्रोतका अनुसार आयोग अध्यक्ष गणेशप्रसाद लिम्बूले प्राधिकरणले उद्योगहरूबाट लिँदै आएको डिमान्ड शुल्क प्रतिकिलोवाट १ सय ९० बाट बढाएर २ सय ८० रुपैयाँ बनाउने प्रस्ताव गरेपछि मुरारकाले असहमति जनाएका थिए । विवादपछि शुक्रबार विद्युत् महशुल वृद्धिमा सहमति हुन सकेन ।
प्राधिकरणले बेग्लै फिडर राखेर विद्युत् उपभोग गरिरहेका उद्योगबाट ११ र ३३ केभी लाइनबाट प्रतिकिलोवाट १ सय ९० रुपैयाँ लिँदै आएको छ । प्राधिकरणले ६६, ३३ र ११ केभी क्षमताका प्रसारण–लाइनका आधारमा फरक–फरक डिमान्ड शुल्क लिन्छ । यस सम्बन्धमा सम्पर्क गर्दा मुरारकाले केही बताउन चाहेनन् ।
यता, डलरको मूल्य बढेपछि आयोगले २१ देखि २२ प्रतिशतसम्म विद्युत् महशुल बढाउने भएको छ । “सम्भवतः आयोगको आइतबार बस्ने बैठकले महशुल बढाउने निर्णय गर्नेछ,” एक सदस्यले भने ।
यसअघि आयोगले १९ प्रतिशतसम्म महशुल बढाउने गृहकार्य गरेको थियो । खिम्ती र भोटेकोसी आयोजनासँग अमेरिकी डलरमा विद्युत् खरिद सम्झौता (पीपीए) भएकाले महशुल पनि बढ्ने उनले बताए ।
आयोगले प्राधिकरणको वर्षिक ७ अर्ब रुपैयाँ नोक्सानलाई आधार मानेर महशुल समायोजन गर्न लागेको छ । सरकारले लिँदै आएको ब्याज घटाएर ५ प्रतिशतमा झार्ने र अन्य सुविधा कटौती गरेर २ अर्ब ५० करोड घटाउने तथा बाँकी ४ अर्ब ५० करोड रुपैयाँ महशुल वृद्धि गरेर समायोजन गर्ने आयोगको तयारी छ ।

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