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मोहब्बत रूठ जाएँ तो उसे जल्दी मना ले लेना (Mohbbat Rooth Jayein To Use Zaldi Mana Le Lena )

मोहब्बत रूठ जाए तो..
उसे बाहों में ले लेना..


बहुत हि पास कर के तुम..
उसे जाने नहीं देना...


वो दामन भी चुराए तो...
उसे तुम क़सम दे देना..


दिलों के मामलों में तो...
खताएं हो हि जाती है...


मगर तुम इन खताओं को..
बहाना मत बना लेना....


मोहब्बत रूठ जाएँ तो,
उसे जल्दी मना ले लेना......


!! ♥ GOÐ BLÉSS YÓÚ ♥ !!

लेकर हाथों में हाथ उसका

"वह कहती है कि मेरा हाथ 
हाथो में लेकर सहलाते क्यूँ हो 
मै मौन हो जाता हूँ 
हाथों को हाथ में पकड़ मुस्कुराता हूँ 
कैसे समझाउं, मै कह नहीं पाता


सुबह से चकले बेलन में उलझी
बर्तन चमकाती हथेलियाँ
चौक पेन पकड़ ब्लैक बोर्ड और
कापियां रंगती उंगलियाँ 
थक तो जाती होंगी


बच्चों को निवाला खिलाते खिलाते
प्यार से झूठी होती उंगलियाँ 
घर की सफाई में 
गमलों कि गुड़ाई में
मैली और थकान से भारी होती हथेलियाँ


रात में फिर रसोई में उलझ जाती हैं 
मुझे रोटी देते हुए मुस्कराती उंगलियाँ 
ये सब निभाते हुए तुम्हारे हाथ थक जाते होंगे 


लेकर हाथों में हाथ उसका
मै अपना क़र्ज़ उतारता हूँ 
पर शब्दों में यह सब कह नहीं पाता
बस यूँ ही वह पूछती रहती है
और मै हाथों में हाथ लिए मुस्कराता हूँ 
बस प्यार और प्यार से सहलाता हूँ"

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, 
धज्जी-धज्जी रात मिली। 
जिसका जितना आंचल था, 
उतनी ही सौग़ात मिली।। 
जब चाहा दिल को समझें, 
हंसने की आवाज़ सुनी। 
जैसे कोई कहता हो, लो 
फिर तुमको अब मात मिली।। 
बातें कैसी ? घातें क्या ? 
चलते रहना आठ पहर। 
दिल-सा साथी जब पाया, 
बेचैनी भी साथ मिली।।

हमें कोई गम नहीं था गम ऐ-आशिकी से पहले.

हमें कोई गम नहीं था गम ऐ-आशिकी से पहले,
ना था दुश्मनी किसी से तेरी दोस्ती से पहले..

है ये मेरी बदनसीबी तेरा क्या कसूर इस में,
तेरे गम ने मार डाला मुझे जिन्दगी से पहले,

मेरा प्यार जल रहा है अै चाँद आज छुप जा..
किसी से प्यार था हमें भी तेरी चाँदनी से पहले..

मैं कभी ना मुस्कुराता जो मुझे ये मालूम होता,
के हजारों गम मिलेंगे मुझे एक खुसी से पहले..

ये अजीब इम्तिहान है के तुम्ही को भूलना है,
मिले कब थे इस तरह हम तुम्हे बे-दिली से पहले..

हमें कोई गम नहीं था गम ऐ-आशिकी से पहले....!!!

तन्हा है मेरा हाथ तेरा हाथ चाहिए

खामोश रहूँ मैं, तेरा साथ चाहिए,
तन्हा है मेरा हाथ तेरा हाथ चाहिए,


मुझको मेरे मुकद्दर पर इतना येकीन तो है,
तूझको भी मेरे लफ्ज़ मेरी बात चाहिए,


मैं खुद अपनी शायरी को क्यों अच्छा कहूँ,
मुझको तेरी तारीफ तेरी दाद चाहिए,


एहसाश ऐ-मोहब्बत तेरे वास्ते है लेकिन,
जूनून ऐ-इक्स को तेरी सौगात चाहिए,


तू मुझको पाने की खोवाहिश रखती है,
मुझको जीने के लिए तेरी मुलाकात चाहिए,

मेरी हर एक धड़कन आप के लिए है

मेरी हर एक धड़कन आप के लिए है 
मेरी हर एक  मुस्कुराहट आप के लिए है 
आप के अदा  मेरे  दिलको  चुराने  के लिए है 
अब  तोह  मेरी  ये ज़िन्दगी भी आप के लिए है


जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों में!!



सालों बाद नजाने क्या समां होगा 
हम सब दोस्तों में  से  नजाने कौन  कहाँ होगा 
फिर मिलना हुआ तो मिलेंगे खवाबो में 
जैसे सूखे गुलाब मिलते हें किताबों मैं...





कुछ तुम भी दुआ करों यारों !!

हर यादों में उसी की याद रहती  है,
मेरी आँखों को उसी की तलाश रहती है,
कुछ तुम भी दुआ करो यारों,
सुना है दोस्तों की दुआ में 
फरिश्तो की फरियाद होती है…

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