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मेरे गुनाहों की सजा दो मुझे


मेरे गुनाहों की सजा दो मुझे
ऐसा करो की भुला दो मुझे
निकल दो हमको अपने जिगर से तुम
आँखों से आँसूं बनाकर गिरा दो मुझे
न सर उठा के जी पाए इस जहा में हम
महफिल में रहकर तनहा तनहा से दिखे हम
तन्हाई डसती रहे ताउम्र मुझको
कुछ ऐसी बद्दुआ दे दे मुझे

रातों की नीद चली जाये
दिन का सकूँ छीन जाये
मै मांगू मौत की दुआ
जो जिंदगी में तब्दील हो जाये
जिन राहों में फूल सजाए थे तूने हमारे लिये
भर दो उन राहों को कांटो से चुभने के लिये
इस दिल न पिघलाओ मोम का समझ कर
ऐसा करो की पत्थर बना दो मुझे

जो तू करती बेवफाई मै रंजो गम भुला लेता
कभी सिगरेट लगता लबों पर कभी मै जाम उठा लेता
पर मेरी बेवफाई के लिये मुझे माफ़ मत करना
किसी की चाहत न मिले मुझको ऐसा मेरा हाल करना
जिससे कभी कोई न दे किसी को धोखा प्यार में
डूबती कश्ती को न छोड़े कोई नाखुदा मझधार में
जीते जी मौत का तलबगार बना दे मुझे
ऐसा करो की भुला दो मुझे

इतनी हैरत से न देख मुझे


इतनी हैरत से न देख मुझे मै तेरा आईना नही बीता हुआ कल हूँ
तू हो जाएगी परेशां गर सोचेगी मेरे बारे में
तू जो आएगी संग मेरे तू खुदबखुद मुझमे फंस जाएगी
मेरी आरजू तेरी जुस्तजू सब खाक हो जाएगी
फिर करेगी तू क्या तू तो हमे निकालने आई थी
और इसमे खुद ही फंस कर रह जाएगी
अब छोड़ तू देखना मुझको जा साथ उसके जो तेरा दर्पण है
मेरा कल भी तुझको समर्पित था और आज भी तुझे अर्पर्ण है
मुझको न समझ तू कमल मै तू कीचड़ में रहता हुआ दलदल हूँ....!

एक लड़की मेरे जीवन में क्यों बार -बार है आती

एक लड़की मेरे जीवन में क्यों बार -बार है आती

जब भूल चूका हूँ मै उसको फिर याद क्यों उसकी आती
मैंने छोड़ दिए सारे वह रस्ते जो उसकी याद दिलाते थे
जला दिए वह सारे पन्नें जो उनके नाम से आते थे
मैंने जला दिया उस दिल को जिसमे तुम रहते थे
घर फूक तमाशा देखते आशिक ऐसा सब कहते थे
पर जब होते है सकूँ में हम वह चैन चुराने आ जाती
एक लड़की मेरे जीवन में क्यों बार -बार है आती

अब क्या करे बता दो तुम सब कैसे उसको हम भूले
सावन में जब पड़ते झूले बिन सजना के कैसे झूले
हम जाते है मयखाने गम अपना दूर मिटाने को
मय में आ जाती तस्वीर है उनकी मेरा दर्द बढ़ाने को
रात में जब सोते है हम तो वह सपना बनकर आ जाती
एक लड़की मेरे जीवन में क्यों बार -बार है आती

जब लिखने बैठूं मै कुछ भी उसकी कविता बन जाती
उसकी झील सी गहरी आँखों में ये कश्ती मेरी डूब जाती
अब तो हैरान हूँ क्यों नही भूल पता हूँ उन्हें भूलकर
जो चले गये थे मुझे इस जहाँ में तनहा छोडकर
कविता की नायिका वो बनकर मेरी कविता में आ जाती
एक लड़की मेरे जीवन में क्यों बार -बार है आती


by:-चिदानन्द शुक्ल



रोज करें थोड़े से तुलसी के पत्तों का ये आसान प्रयोग मिट जाएंगे ये सारे रोग



तुलसी घर के वातावरण को पवित्र बनाती है साथ ही हवा में मौजूद बीमारी के बैक्टीरिया आदि को नष्ट कर देती है। तुलसी की सुंगध हमें श्वास संबंधी कई रोगों से बचाती है। साथ ही तुलसी की एक पत्नी रोज सेवन करने बार-बार बुखार नहीं आता।  तुलसी की पत्नी खाने से हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है।तुलसी एक औषधी है। आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बूटी के समान माना जाता है।

 तुलसी में कई ऐसे गुण होते हैं जो बड़ी-बड़ी जटिल बीमारियों को दूर करने और उनकी रोकथाम करने में सहायक है। कहते हैं जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी की पांच पत्तियां खा लेते हैं वह अनेक प्रकार के रोगों से सुरक्षित रहते हैं। इसके तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी,बुखार, मलेरिया, कालाजार, जुकाम या काफ, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, दमा, स्मरण शक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, कब्ज, गैस, मन्दाग्नि,गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी खून की कमी,दांतों का रोग, सफेद दाग तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते है।

सिर, गले, नाक का दर्द, आंख के रोग, सूजन, खुजली, अजीर्ण, उलटी , हृदयरोग, कृमि, फोड़े, मुहांसे, जलन , बालतोड़, लू लगना, स्नायूपीड़ा, स्वप्नदोष, मूर्छा, विष आदि तथा स्त्रियों और बच्चों के सामान्य रोगों के लिए चिकित्सा स्वयं ही की जा सकती है। तुलसी स्वाईन फ्लू को दूर रखने के लिए उपयोगी है। तुलसी के उपयोग से मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता तीव्रता से बढ़ती है और खाली पेट बीस-पच्चीस तुलसी के पत्तों का सेवन करने से स्वाईन फ्लू से बचा जा सकता है। तुलसी दमा टी.बी. में गुणकारी हैं।

मोमबत्ती से नयी ऊर्जा

आप अपने घर को मोमबत्तियों द्वारा नयी ऊर्जा से भर सकते हैं। साथ ही हमेशा ताजगी भी महसूस करेंगे।

आप अपने कमरे को चंद मोमबत्तियों का इस्तेमाल करके ज्यादा सुकून भरा बना सकते हैं। घर को सजाने में मोमबत्ती बहुत लोकप्रिय भी हैं। इसके पीछे एकमात्र वजह यह है कि मोमबत्ती किसी भी कमरे के मूड को बदल सकती है। वे दो तरीकों से कमरों की खूबसूरती बढ़ाती है। पहला वह वातावरण को ऊर्जादायक रोशनी से प्रकाशित करती है और दूसरा मोम को पिघलते देख कर आपका मूड बदल जाता है और आप सुकून महसूस करते हैं। कैंडल का इस्तेमाल अपने आप में एक स्फूर्तिदायक अनुभव है और यह आपको आपकी भावनाओं के ज्यादा करीब लाता है। इतना ही नहीं, कैंडल उगते हुए सूर्य की तरह रोशनी देती है और यह इलेक्ट्रिक लाइट की तरह इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक फील्ड भी नहीं बनाती। इस तरह की रोशनी रोमांटिक वातावरण बनाती है। अगर पंचतत्वों की बात करें तो कैंडल का सम्बन्ध अग्नि से है।
घर में कैसे करें कैंडल का इस्तेमाल: कैंडल को हमेशा एक लयबद्घ श्रृंखला में जलाएं, लेकिन इसका खास ख्याल रखें कि जब आप कमरे में ना हों तो यह जलती ना रहे। हर दिन आधे घंटे तक कैंडल की रोशनी में रहना आपके लिए बहुत ही लाभदायक है। अगर आप ज्यादा एक्सप्रेसिव आउटगोइंग और सोशल महसूस करना चाहते हैं तो अपने घर के दाहिने हिस्से में बहुत सी मोमबत्तियां जलाएं। इससे दाहिने हिस्से का अग्नि तत्व मजबूत होगा और यह आप में भावनात्मक बदलाव लायेगा।
अगर आप अपने सम्बन्ध में ज्यादा अंतरंगता और स्थिरता महसूस करना चाहते हैं तो अपने घर के दक्षिण-पश्चिम में दो कैंडल जलाएं। कैंडल का अग्नि तत्व दक्षिण-पश्चिम के पृथ्वी तत्व को सहारा देगा, जिससे ऐसी भावनाओं को समझने में आसानी होगी। अगर आप खुले दिमाग से अपने जीवन के रोचक पलों को जीना चाहते हैं तो अपने घर के पूवरेत्तर हिस्से में कैंडल जलाएं। इस कैंडल का अग्नि तत्व पूर्वोत्तर के भू तत्व को मजबूती देगा। आप अपना मुख पूर्वोत्तर दिशा में करके कैंडल की ओर देखते हुए ध्यान भी कर सकते हैं।
अगर आप अपने सम्बन्ध में रोमांस की भावना बढ़ाना चाहते हैं तो पश्चिमी हिस्से में दो कैंडल जलाएं। ध्यान रहे कि यह कैंडल मिट्टी के पात्र में ही जलाएं। एक लकड़ी की नाव में कैंडल डालें। इस नाव पर जलती मोमबत्ती को देख कर आप में नयी ऊर्जा का संचार होता है।

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हां हां हां हां हां हां .............

लड़के ने लड़की का हाथ पकड़कर कहा – “यू आर सो हॉट, बेबी !” लड़की ने खींचकर उसे एक थप्पड़ मारा और कहा – “हरामजादे….. मुझे 103 डिग्री बुखार है और तुझे आशिकी सूझ रही है....... ?

आशा की किरण

एक आशा की किरण 
जिसके सहारे संभाल कर रखे हुए हूँ,
एक फुल गुलाब का,
कोई तो आएगा सायद, कभी-न-कभी,
मेरे सुख -दुखों 
का साथी 
मेरे हमसफ़र, मेरा हमराही   
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