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मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो


तुम्हारी याद आने पर आँसू टूट जाते है
उन्हें मैं हथेलियों पर समेट लेता हूँ
और जो अटक जाते हैं होंटों पर
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो !
सुबह-सुबह ठंडी हवा का झोंका 
मुझे चुपके से आकर छूता है
और उसमें जो सबसे तेज़ झोंका हो 
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो !
बिछड़ने के बाद से ही तुम्हारी याद आती है 
तुम्हारी याद में जब मेरा दिल रोता है
रोते-रोते जो ज़ोर की हिचकी आती है 
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो !

ख्वाहिशें होंगी दिल की पूरी, आश मत देखो


बाकी है बोतल में अभी भी शराब,महताब मत देखो
उसके और खुद के दरमियां का हिसाब मत देखो

सफ़र जिंदगी का तय करना है तुमको अकेले ही
किस–किस का मिला ना साथ,पलट कर मत देखो

जहाँ फ़िसलती जा रही है, जीवन से जिंदगी
रेत– सी फ़कीरे इश्क की, जात मत देखो

बेरहम जमाना जिल्लत के सिवा तुमको दिया ही
क्या और तुमसे लिया क्या, इतिहास मत देखो

बदलना है तुमको कर्मों से तकदीर अपनी
तनहा बैठकर अकेले में, लकीरें हाथ मत देखो

आग तो दिल में लिए सभी घूमते हैं, किसने
लगाई यह आग, कौन हुआ खाक, मत देखो

शामे गम है,कुछ उस निगाहें–नाज की बात, करो
ख्वाहिशें होंगी दिल की पूरी, आश मत देखो..!!

♥♥♥ HAPPY HOLI 2012 ♥♥♥


आसमां झुक के धरा से सदा ही कहता ये,
राधा बिन होली कैसी श्याम यही समझाये।

प्रेम के रंग बिना रंग सभी फीके हैं,
जिसको मिल जाए ये वो मालामाल हो जाए ॥

न हो जहां बैर-भाव ऎसे मीत पाएं सब,
दिल में खिलें गुलाब ऎसी प्रीत पा जाए ॥

नाचे मीरा सी कोई, कोई पुजारिन राधा,
और गिरिराज भी घनश्याम स्वयं बन जाए ॥

कृष्ण की बंशी बजे गोपियों की थिरकन हो,
यहीं गोकुल यहीं पे विन्दावन बन जाए ॥

आओ सब मिलकर रंगों में डूब जाएं हम
प्रेम ही प्रेम हो बस प्रेम ही बरसा जाएं

♥♥♥ HAPPY HOLI 2012 ♥♥♥ ♥♥♥ HAPPY HOLI 2012 ♥♥♥

तुम खुशबु हो खुशबु को कैसे गिरफ्तार करूँ मै (tum khushboo ho khushboo ko kaise giraftaar karun main)


तुम मोहब्बत हो मोहब्बत का कैसे इजहार करूँ मै
तुम खुशबु हो खुशबु को कैसे गिरफ्तार करूँ मै ॥

सांसो में बस गई हो सरगम की तरह जानम
दिल में उतर गयी हो धड़कन की तरह जानम ॥

सांसो की डोर तोड़कर जीवन का सीसे वहिष्कार करूँ मै
धड़कन के शोर से डरकर दिलका कैसे तिरस्कार करूँ मै ॥

तुम खुशबु हो खुशबु को कैसे गिरफ्तार करूँ मै
पलकों पे बस गई हो तुम ख्वाब की तरह ॥

होटों पे सज गयी हो तुम गुलाब की तरह
सपनो को भुलाकर खुमारी का कैसे एतबार करूँ में ॥

रंगीनियों को छोड़कर खुशिया का कैसे व्यापर करूँ मै
तुम खुशबु हो खुशबु को कैसे गिरफ्तार करूँ मै ॥

तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये (tumhara pyar chahiye mujhe jeene ke liye)

!!प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
मुझ को हर घड़ी दीदार चाहिये
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
मेरे सिवा तुम और किसी को, दिल में न आने दोगी
फूलों की तो बात ही क्या है, काँटों के साथ चलोगी
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
दिन रात वफ़ा का इक़रार चाहिये
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये

रूप रँग पे मरता आया, सदियों से यह ज़माना
मैं मन की सुंदरता देखूँ, प्यार का मैं दीवाना
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
तूफ़ां में बाहों की पतवार चाहिये
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये !!

कभी जुदा ना करे गर्दिशे जमाना (kabhi juda naa karein gardishein zamaana)

एक हंसीन ख्वाब बना कर तुम
मुझे हर पल अपनी निगाहों में रखना
छू ना सके मुझे ये हवाऐं बहकी सी
मुझे कैद अपनी पनाहों में रखना
मैं खाक हूं बिखर ना जाऊं कहीं
मुझे समेट कर अपनी बाहों में रखना
जो करो तुम मोहब्बत हदों से गुजर कर
मेरा नाम तुम अपनी खताओं में रखना
मैं करता हूं अहसास तुम्हारा

तुम भी मुझे याद अपनी दुआओं में करना
कभी जुदा ना करे गर्दिशे जमाना

आप सभी को होली पर्ब की ढेर सारे सुभकामनाएँ !!!

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