ललित साह |
लोग जिस मुख से प्रशंसा करते हैं,
उसी मुख से निंदा भी करते हैं !दुनिया पर बहुत ज्यादा
भरोसा नहीं करना ! दुनिया बहुत दोगली हैं !
वह कब,किस ओर लुढक जाय पता नहीं ! गुरु जो रास्ता दिखा दे, बस उसी पर चलना ! वह सुई कभी नहीं खोती जिसमें धागा होता है !वह शिष्य कभी नहीं भटकता जिसके जीवन में गुरु होता है !