अगर तलाश करूँ तो कोई मिल ही जायेगा,मगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा,
तुम्हे ज़रूर कोई चाहतो से देखेगा,
मगर वो आखें हमारे कहा से लायेगा,
नजाने कब तीरे दिल पर नयी सी दस्तक हो,
मकान खाली हुवा है !तो कोई आएगा ही,
मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँ,
अगर वो आया तो किस रास्ते से आएगा,
तुम्हारे साथ ये मौसम फरिस्तों जैसा है,
तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सताएगा..........!!
©ललित साह