पूरा पोस्ट एक साथ

ये कम्बक्त मोहब्बत

बड़ी आसानी से दिल लगाये जाते है,
पर बड़ी से वादे निभाए जाते हैं..


ले जाती है मोहब्बत उन राहो पर,
जहाँ दिए नहीं दिल जलाये जाते है... 


>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>


कभी आशूं कभी खुसबू (kabhi aashon kabhi khushboo )

कभी आशूं कभी खुसबू कभी नग्मा बनकर
हमसे हर शाम मिली है तेरा चेहरा बनकर 

चाँद निकला है तेरी आँखों के आशूं की तरह,
फूल महके हैं तेरी ज़ुल्फ़ का साया बनकर..

मेरी जगी हुई रातों को उसी की है तलाश,
सो रहा है मेरी आँखों में जो सपना बनकर,

दिल के कागज पर उतरा है जो शेरों की तरह
      मेरे होटों पे मचलता है जो नग्मा बनकर.....

कैसे दिल से निकाल दु

कभी कभी दिल उदाश हो जाता है,
जब जब उसका ख्याल आता है..

कैसे भूलू उसको, कैसे दिल से निकाल दु,
कुछ समझ नहीं आता आखिर ये दिल चाहता क्या है...
Computer Duniya ललित साह Hindi Tech Blog Computer Duniya CG Blog रफ़्तार Blog parivaar CG Blog Tips for New Bloggers Hindi Blog Tips blogger widgets My Blog


HTML Codes - Free