पूरा पोस्ट एक साथ

एक सबब प्यार का





एक सबब प्यार का, कुछ तो है बात ये,
हो ही जाती है क्यों बात बिन बात के ,
अपनी यादों को रख दर किनारे कहीं,
आ ही जाती है याद ये बिन बात के 

हमने देखा है जो उम्र के मोड़ पर,
हैं खडे वो छितिज़ की तरह याद मैं,
जाने गुम हैं कहीं,कहीं मशगूल है,
उनको आवाज दी ,बोलते ही नहीं.

ऐसे दुनिया मैं रिश्ते हैं बनते मगर,
प्यार ऐसा है जो ,बात होती जुदा,
उसकी यादें है तनहा समा साथ मैं,
सूख जाती हैं आँखें फुहारों के साथ मैं.

अब तो ऐसे हैं वो, एक शिला जैसी है,
कितने दिन के शगूफे जेहन मैं पडे,
कब तलक आग दबके रहे उनमें यूँ,
देखते हैं उन्हें जलते अनल की तरह.

इसलिए बारिशों से तवारुफ़ करें,
उसकी बूंदों से जलने की आदत जो है,
भाप बनकर उडी उसके तन से छुई,
आग बूंदों की माफिक चमक सी गयी !!
Computer Duniya ललित साह Hindi Tech Blog Computer Duniya CG Blog रफ़्तार Blog parivaar CG Blog Tips for New Bloggers Hindi Blog Tips blogger widgets My Blog


HTML Codes - Free