!! तू मुझसे तेज चलेगा तो रास्ता दूंगा
दुआ के फूल तेरी राह में बिछा दूंगा,
अभी तो ज़िन्दगी घायल है तुझसे मिलने में
मैं आज रात ये दीवार भी गिरा दूंगा,
अगर किसी ने मुझे एक रात रोक लिया
तो उसका नाम पता भी तुझे बता दूंगा,
वो अनजानी है मगर, आज उसकी खातिर मैं
पढ़े बगैर अजीजों के खाट जला दूंगा,
वो चाँद जब मेरी पलकों पे फूल रखेगा
मैं अपने बच्चे को एक आसमा नया दूंगा !!!
©ललित साह