हँसते हैं यूँ हंस कर रुला जाते है लोग
मिलते हैं यूहीं मिल कर जुदा हो जाते है लोग,
पल दो पल की मोहब्बत को, उम्र का साथ समझना
मोहब्बत भी करते है और खफा भी हो जाते है लोग,
नसीब में प्यार ना था जो मुझे मिला ही नहीं
कर के इजहार ये मोहब्बत भी बेपरवाह हो जाते हैं लोग,
अब किस से सिकवा करें अपनी मोहब्बत का
कर के वफ़ा का वादा बेवफा हो जाते है लोग !!!
©ललित साह
मिलते हैं यूहीं मिल कर जुदा हो जाते है लोग,
पल दो पल की मोहब्बत को, उम्र का साथ समझना
मोहब्बत भी करते है और खफा भी हो जाते है लोग,
नसीब में प्यार ना था जो मुझे मिला ही नहीं
कर के इजहार ये मोहब्बत भी बेपरवाह हो जाते हैं लोग,
अब किस से सिकवा करें अपनी मोहब्बत का
कर के वफ़ा का वादा बेवफा हो जाते है लोग !!!
©ललित साह