गायिका रजनी पल्लवीक जन्म मिथिलाक केंद्र बिंदु मधुबनी जिलान्तर्गत पिलखवार गांव मे भेल छलनि ।सम्प्रति बंगलौर मे रहैत छथि । संगीत मे विशेष रूचि रहबाक कारण बाल्यकालहि सं हिनका संगीतक शिक्षादेब प्रारम्भ भेल छलनि । हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत मे मास्टर डिग्री लेलाक उपरान्त रजनी पल्लवी कतेकोपरियोजना पर काज करब प्रारम्भ केलनि जाहि मे मैथिली संगीतक पुनरुद्धार मुख्य छैक । रजनी पल्लवी क गीत डाउनलोड करे क लेल क्लिक करू - http://maithilisongsgeet.blogspot.com/
मातृभाषा मैथिली सं एतेक सिनेह छनि जे मातृभाषा मैथिलीक दुर्दशा रजनी पल्लवी क’लेल असहनीय छनि । मैथिली अत्यन्त मधुर भाषा छैक से कोनो मिथ्या नहि, सैह सावित करब हुनक परम ध्येय छनि । मैथिली विश्व भाषा बनय से हुनक कहब नहि छनि, मुदा मैथिली यदि मिथिला मे छैक आ मैथिली जों मिथिलाक मातृभाषा छैक त’ मैथिली क’ मिथिला मे माय जकाँ प्यार आओर इज्जत भेटैक । एहि परियोजनाक अंतर्गत ओ मैथिलीक लोक प्रिय गीत सभ क’ नव ढंग सं लयबद्ध क’ रिकार्ड करैत छथि आ ओहि संगीत सभ क’ YouTube पर दुनियाक सम्मुख एहि आशा सं प्रस्तुत करैत छथि जे मैथिली भाषी क’ अपना भाषाक प्रति प्यार आओर इज्जत प्रस्फुटित होनि । कोनों अमैथिलक समक्ष मैथिली बाज’ आ मैथिली गीत सुनबा मे मिथिलाबासी क’ लाजक अनुभूति नहि होनि । YouTube Linkhttp://www.youtube.com/rajnipallavi
अपन दोसर परियोजनाक अंतर्गत ओ महाकवि विद्यापतिक सुनल-बिना सुनल गीत सभ क’ लयबद्ध क’ रिकार्ड क’ आओर ओहि गीत सभक भवार्थक संग इंटरनेट पर उपलब्ध करबैत छथि जाहि सं महाकविक रचना संरक्षितो रहनि आ जनसुलभ सेहो रहनि । Linkhttp://www.facebook.com/mahakavi.vidyapati
रजनी पल्लवी मैथिली संगीतक आधुनिकीकरणक पक्षधर छथि, जाहि सं नव पीढ़ी मैथिली गीत सं अपना क’ जोरि सकय । एहि सन्दर्भ में ओ कतेको गीतकारक साथ मिलकय किछु नव तरहक मैथिली गीतक रचना आओर आधुनिक वाद्य यन्त्र सभक प्रयोग क’ किछु नव संगीतक सृजन पर कार्यरत छथि । एहने तरहक किछु गीत ओ YouTube पर publish केलनि अछि आ श्रोता लोकनि द्वारा एहि तरहक गीतक प्रसंशो कयल गेलनि ।एह ठिमा बटम दबाऊ !
मैथिली गीतक अलाबा, रजनी पल्लवी गजल आओर सेमी-क्लासिकल संगीत मे रूचि रखैत छथि । हुनकर बहुतो गजल इंटरनेट पर उपलब्ध अछि । अपन एहि परियोजनाक तहत ओ ग़ालिबक ओहन गजल जे एखन तक नहि गायल गेलैक अछि, गाबि इनटरनेट पर दय रहल छथि । ई सभ परियोजना आर्थिक लाभ लेल नहि, मात्र आत्म सन्तुष्टिक लेल छैक । अर्थोपार्जनक लेल बंगलौर स्थित अपन संगीतशाला मे बच्चा सभ क’ संगीतक शिक्षा दैत छथि ।
रजनी पल्लवी अपन प्रसंशक सभ सं यैह अपील करैत छथि जे अपन प्राचीन धरोहर क’ अक्षुण रखबाक लेल ओ अपन योगदान देथि । नीक कला आ कलाकार क’ प्रोत्साहित करथि । नीक संगीत, रचना आ मिथिला पेंटिंग क’ प्रसंशा करथि आ सभ तरहक Social Media क’ प्रयोग क’ ओकरा प्रसारित करथि साथे फूहर गीत आ अशुद्ध भाषाक प्रयोग क’ तीब्र आलोचना करथि । जय मैथिली, जय मिथिला .
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