मुस्कुराये थे कि शायद वक्त बदल जाएगा,
क्या मालूम था गम ऐसे भी मिल जाएगा,
रात भर जागकर कुछ तेरे ख्वाब सजाये थे,
क्या मालूम था सुबह हर ख्वाब जल जाएगा,
मुस्कानों को छुपाकर रखा था इस दिल में,
सोचा ना था दिल भी इन्सां सा बदल जाएगा,
तू ही आकर सुना दे क्यूँ तू बेवफा हो गयी,
मेरी मौत का वक्त शायद कुछ देर टल जाएगा,
रोने के बहाने लाखो है कोई हंसने का ना मिला,
एक आवाज़ देदे दिल से ये बोझ निकल जाएगा.....