आज दिल की हर बात कही तो तेरा ज़िक्र आया
गुजरी मोहोब्बत का हर लम्हा याद आया
हुई मुददत आज तक मुझमे कुछ नहीं बदला,
मेरे ख्याल में तेरी अदाओं पर नया रंग आया..
तेरी यादों की आहट को बटोरने मे जुटा हूँ..
बस तेरा करम है एह जो खुद को ना साम्झापाया....
''ललित" जिंदगी में अब और क्या रखा,
एक ख्याल तक न उसको तेरा आया ....
जी रहा हूँ बस इसी सोच में डूब कर ,
वादा किया था उसने,फिर क्योँ नहीं आयी......
आज दिल की हर बात कही तो तेरा ज़िक्र आया,
गुजरी मोहब्बत का हर लम्हा याद आया .......