मंजिल क्या है, रास्ता क्या हैं,
हौसला है तो फैसला क्या है ,
वो सजा देकर दूर जा बैठे,
किस से पूछूं की मेरी खता (गलती) क्या है…!!!
****************************************************************************************
खुदा ने काश मोहब्बत बनायी ना होता
तो आज इस तरह हमारे प्यार की रुसवाई ना होता
काश उनके दिल में ज़रा सी वफ़ा होती
तो इस तरह मेरे साथ बेवफाई ना होता.........!!!
*******************************************************************************************
हर समंदर का एक किनारा होता है,
हर रात का एक सवेरा होता है ,
क्यूँ कर रहा है ये जुल्म ये खुदा ,
क्यूँ हर बेवफा का एक दीवाना होता है...!!!
*****************************************************************************************
वो कहते है मुझसे बेवफा हो तुम
मुझे मिली ज़िन्दगी में वो सजा हो तुम
हालत से मजबूर और वक़्त से बेबश थे हम
इसीलिए आज खुशियों से कोस सो दूर है हम.....!!!
********************************************************************************************
तू मेरा सपना,मेरे अरमान है पर...
सायद तू अपनी अहमियत से अनजाना है,
मुझसे कभी भी रूठ मत जाना तुम
क्योँ की मेरे दुनिया तुम्हारे बिना वीरान है.....!!!
*******************************************************************************************
तारो में अकेला चाँद जगमगाता है
मुश्किलों में अकेला इंसान ही जगमगाता है
काँटों से मत घबराना मेरे दोस्त ,
क्योँ की कांटो में ही एक गुलाब मुस्कुराता है...!!!
********************************************************************
कुछ ऐसी ज़िन्दगी मिली है
कि मौत से अब डर ही नहीं लगता
दोनों तो एक सी है
एक एक बार मारती है
और दूसरी
हर दिन बार बार मारती है
ये कैसी रात मिली है
कि कोई चाँद ही नहीं निकलता
बस अँधेरा छाया रहता है
और सुना है उस अँधेरे में
कुछ लोग भी जीते है ....
********************************************************
वक़्त से कुछ न कहा मैंने
वो आया और लौट गया
रास्तो को भी कहाँ रोका था मैंने
न कितने मुसाफिर आये और चले गये
दिन निकले और ढल गाए
रातें भी ख़ामोशी से आयी
और चुपचाप चली गयी
चाँद ने भी मुझसे कुछ नहीं कहा
मुझसे रात भर आँख बचाकर चमकता रहा
एक तुम क्या गये
दुनिया बदल गयी मेरी
लेकिन मैं फिर भी उसी जगह खड़ा रहा
जहाँ तुम मूझे छोड़ गयी थी
इस इंतज़ार में कि शायद
कभी किसी बहाने से तुम लौट आओ
********************************************************************
कुछ ऐसी ज़िन्दगी मिली है
कि मौत से अब डर ही नहीं लगता
दोनों तो एक सी है
एक एक बार मारती है
और दूसरी
हर दिन बार बार मारती है
ये कैसी रात मिली है
कि कोई चाँद ही नहीं निकलता
बस अँधेरा छाया रहता है
और सुना है उस अँधेरे में
कुछ लोग भी जीते है ....
********************************************************
वक़्त से कुछ न कहा मैंने
वो आया और लौट गया
रास्तो को भी कहाँ रोका था मैंने
न कितने मुसाफिर आये और चले गये
दिन निकले और ढल गाए
रातें भी ख़ामोशी से आयी
और चुपचाप चली गयी
चाँद ने भी मुझसे कुछ नहीं कहा
मुझसे रात भर आँख बचाकर चमकता रहा
एक तुम क्या गये
दुनिया बदल गयी मेरी
लेकिन मैं फिर भी उसी जगह खड़ा रहा
जहाँ तुम मूझे छोड़ गयी थी
इस इंतज़ार में कि शायद
कभी किसी बहाने से तुम लौट आओ